बेटे की हत्या को 3 महीने, मां बोली–सिर्फ आश्वासन मिला:करनाल में ग्रामीणों संग लघु सचिवालय पहुंची, कहा-पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही

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करनाल जिले के चौरा खालसा गांव में 16 वर्षीय शुभम की हत्या को 3 महीने बीत चुके हैं, लेकिन आज तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। मृतक की मां बाली देवी लगातार न्याय की गुहार लगा रही हैं। तीन महीने से वह पुलिस प्रशासन के चक्कर काट रही हैं, पर उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है।

शुक्रवार को वह एक बार फिर ग्रामीणों के साथ करनाल के जिला सचिवालय पहुंची। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस को जिन लोगों के नाम दिए गए थे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

मां का आरोप – मेरे बेटे को बिना कसूर मार डाला

बाली देवी का कहना है कि उनके बेटे शुभम की हत्या बिना किसी कसूर के कर दी गई। उन्होंने कहा कि जब भी हम न्याय की मांग करते हैं, तो पुलिस खानापूर्ति के लिए गांव में आकर केवल औपचारिक जांच करती है।

डीएसपी भी गांव काछवा में आए और हमें आश्वासन देने का प्रयास किया, लेकिन इससे पहले भी कई बार यही आश्वासन दिया गया, जो सिर्फ बातों तक ही सीमित रह गया। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय पुलिस जांच करने में नाकाम है तो मामला सीबीआई को सौंप दिया जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

अब जानिए पूरा मामला

29 जून की रात को चौरा गांव में 16 वर्षीय शुभम की हत्या कर दी गई थी। शुभम दूध लेने गांव की डेयरी गया था, लेकिन वह वापस घर नहीं लौटा। रात करीब साढ़े 8 बजे ग्रामीणों ने उसकी मां को सूचना दी कि शुभम एक सुनसान गली में पड़ा है। जब बाली देवी मौके पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि उनका बेटा संकरी गली में मृत पड़ा है।

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गले पर चोट के निशान मृतक की मां ने बताया कि शुभम के गले पर चोट के निशान थे और उसकी हत्या गला दबाकर की गई थी। यही नहीं, प्राइवेट पार्ट पर भी चोट के निशान थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी सामने आया कि पांच-छह लोगों ने मिलकर शुभम की हत्या की थी।

मां ने लगाया पूर्व सरपंच और एक अन्य पर आरोप

बाली देवी ने गांव के ही पूर्व सरपंच राजेंद्र खुराना उर्फ बिल्ला और राजेंद्र तोमर पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 1 साल पहले उनकी बेटी से छेड़छाड़ के मामले में उन्होंने घरौंडा थाने में राजेंद्र के खिलाफ शिकायत दी थी। तब से आरोपी उनके बेटे से रंजिश रखे हुए थे और खुलेआम धमकी दे चुके थे कि शुभम की हत्या कर देंगे।

तीन लोगों से पूछताछ, पर कोई नतीजा नहीं

हत्या के बाद 2 जुलाई को पुलिस ने तीन लोगों से पूछताछ की थी, लेकिन कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे। इसके बाद से अब तक जांच में कोई प्रगति नहीं हुई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी हुई है।

पति और देवर की मौत के बाद अकेले संभाला परिवार

बाली देवी ने बताया कि उनके पति की 8 साल पहले मौत हो चुकी है। पहले उनके देवर और जेठ भी गुजर गए थे। इसके बाद वह अपने मामा के घर आ गई थी और सफाई का काम करके बेटे-बेटी का पालन-पोषण कर रही थी। शुभम की मौत के बाद अब परिवार पूरी तरह टूट गया है।

तीन महीने बाद भी न्याय की उम्मीद अधूरी

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परिजनों का कहना है कि तीन महीने गुजरने के बाद भी पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। इस कारण उनका भरोसा टूटता जा रहा है। बाली देवी ने कहा कि अगर प्रशासन हमें न्याय नहीं देगा तो हमारे पास आंदोलन करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचेगा।

उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से गुहार लगाई है कि आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाई जाए, ताकि उनके परिवार को मन की शांति मिल सके। बाली देवी का कहना है कि तीन महीने बाद भी इस हत्या का राज न खुलना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।

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