
करनाल जिले के जुंडला पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समिति) में बड़ा घोटाला सामने आया है। पूर्व प्रबंधक अमरजीत सिंह और राजकुमार पर मौजूदा प्रबंधक रणधीर सिंह के साथ मिलकर समिति के पदों पर परिजनों और कमेटी मेंबरों के रिश्तेदारों की अवैध नियुक्ति करने का आरोप लगा है।
शिकायत के अनुसार बिना किसी मंजूरी और खाली पद के 9 लोगों को नौकरी दी गई, जबकि पैक्स पहले से ही भारी घाटे में चल रही थी। शिकायतकर्ताओं ने केंद्रीय सहकारी बैंक करनाल के जीएम से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
मिलीभगत से नियुक्तियां, बिना मंजूरी दिए पद
शिकायत में बताया गया कि जुंडला पैक्स के पूर्व प्रबंधक अमरजीत सिंह और राजकुमार ने मौजूदा प्रबंधक रणधीर सिंह और कुछ कमेटी सदस्यों के साथ मिलकर फर्जी नियुक्तियां की। पैक्स में पहले से 10 कर्मचारी कार्यरत थे और कोई पद खाली नहीं था, इसके बावजूद 9 लोगों को भर्ती कर लिया गया। ये सभी भर्ती कमेटी मेंबरों और कर्मचारियों के परिवार से संबंधित हैं।

परिजनों की लिस्ट में प्रधान, प्रबंधक और मेंबरों के रिश्तेदार शामिल
आरोपों के अनुसार भर्ती किए 9 लोग सूची में शामिल
– राहुल (प्रधान ओमप्रकाश का बेटा)।
– हरजिंदर सिंह (पूर्व प्रबंधक अमरजीत सिंह का बेटा)।
– सोनिया (बलबीर सिंह के बेटे की बहू)।
– गौरव (सेल्समैन जसबीर का बेटा)।
– अभिषेक (पूर्व प्रबंधक राजकुमार का बेटा)।
– कमलजीत (क्लर्क देशराज की रिश्तेदार)।
– विशाल मनचंदा (कमेटी मेंबर धीरज मनचंदा का बेटा)।
– रवि कुमार (कमेटी मेंबर का भतीजा)।
– जिलेंद्र (सेवादार कश्मीर सिंह का बेटा)।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि सभी नियुक्तियां बिना नियमों के की गईं और प्रबंधकों ने अपने स्वार्थ साधने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई।

घाटे में चल रही पैक्स, फिर भी बढ़ाया वेतन
शिकायतकर्ताओं राजाराम, प्रवीन कुमार, जरनैल सिंह, राजपाल, सुरजीत कुमार और अन्य का कहना है कि जुंडला पैक्स पहले से ही 22 करोड़ रुपए के घाटे में चल रही है। इसके बावजूद इन अवैध नियुक्त कर्मचारियों का वेतन कई गुणा बढ़ा दिया गया, जिससे समिति पर 3 से 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
रजिस्ट्रार के आदेशों की अवहेलना
शिकायत में बताया गया कि रजिस्ट्रार सहकारी विभाग द्वारा नई नियुक्तियों पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी थी, फिर भी जुंडला पैक्स में नए कर्मचारी रखे गए। इतना ही नहीं, सहकारी बैंक शाखा जुंडला के ब्रांच मैनेजर ने भी इन कर्मचारियों को गलत तरीके से वेतन जारी किया।
शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि इन नियुक्तियों पर तुरंत रोक लगाई जाए, अवैध रूप से दिए गए वेतन को ब्याज सहित वसूल किया जाए और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
