पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को आपदा प्रभावित घोषित करते हुए सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और स्कूल-कॉलेजों की छुट्टियां 7 सितंबर तक बढ़ा दी गई हैं। साथ ही CM भगवंत मान ने 5 सितंबर को कैबिनेट मीटिंग भी बुला ली है।
सतलुज, घग्गर और रावी नदी के उफान से कपूरथला, जालंधर और पटियाला समेत कई जिलों में हालात बिगड़ गए हैं। सुभानपुर-ढिलवां के पास जालंधर-अमृतसर हाईवे का एक हिस्सा धंस गया।
जालंधर में सतलुज नदी के ओवरफ्लो से 30 गांवों में पानी घुस गया, जबकि बरनाला में मकान गिरने से दो लोगों की मौत हो गई है।
कई प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण खुद बांध मजबूत करने और बचाव कार्यों में जुटे हैं, वहीं प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ राहत और रेस्क्यू में लगे हुए हैं।
इस बीच, पटियाला, बरनाला, फाजिल्का और नवांशहर में जिला उपायुक्तों ने लोगों को अलर्ट जारी किया है और सेना की मदद भी मांगी गई है।
बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान ने आज सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बाढ़ पीड़ितों की सलामती की दुआ मांगी। वहीं, AAP सांसद राघव चड्ढा ने सांसद निधि से 3.25 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
हालात का जायजा लेने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गुरुवार (4 सितंबर) को पंजाब दौरे पर आ रहे हैं।
उधर, पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि तरनतारन में पट्टी ब्लॉक के कांग्रेस प्रधान गुरमेल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह बाढ़ प्रभावितों की सेवा कर घर आ रहे थे। इसी दौरान उन्हें गोली मारी गई
पंजाब में बाढ़ की मौजूदा स्थिति…
- 23 जिलों में बाढ़ का असर: अमृतसर से लेकर तरनतारन तक कुल 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, फाजिल्का, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, पठानकोट, पटियाला, रूपनगर, नवांशहर, मोहाली, संगरूर और मुक्तसर शामिल हैं।
- 1655 गांव डूबे: राज्य के 1655 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। अमृतसर के 390, गुरदासपुर के 324, बरनाला के 37, बठिंडा के 13, फिरोजपुर के 111, होशियारपुर के 121, कपूरथला के 178, लुधियाना के 216 और मानसा के 114 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इसके अलावा पटियाला में 29, रूपनगर में 3 और तरनतारन में 70 गांव पानी में घिरे हुए हैं।
- 3.55 लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित: कुल 3,55,709 से अधिक लोग अब तक प्रभावित हो चुके हैं। सबसे ज्यादा असर अमृतसर (1,75,734), गुरदासपुर (1,45,006) और फाजिल्का (21,526) में देखने को मिला है। इसके अलावा फिरोजपुर, कपूरथला, मोगा, संगरूर और मोहाली में भी हजारों लोग संकट में हैं।
- 37 लोगों की अब तक मौत हुई: अब तक 12 जिलों में 37 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें अमृतसर (4), बरनाला (5), बठिंडा (3), होशियारपुर (7), जालंधर (9), कपूरथला (3), पठानकोट (5) और संगरूर (1) शामिल हैं। पठानकोट जिले से 3 लोग लापता हैं। वहीं, पशुधन हानि का सटीक आंकड़ा अभी सामने नहीं आया है, लेकिन बड़ी संख्या में पशु बाढ़ की चपेट में आए हैं।
- 19,474 लोगों को सुरक्षित निकाला: कुल 19,474 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया है। इनमें अमृतसर से 2734, बरनाला से 389, बठिंडा से 290, होशियारपुर से 3451, कपूरथला से 5615, जालंधर से 1428, मोगा से 195, रूपनगर से 615, पठानकोट से 1139 और तरनतारन से 1234 लोग शामिल हैं।
- 167 राहत शिविर सक्रिय: राज्यभर में 167 राहत शिविर सक्रिय हैं, जिनमें अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मोगा, मोहाली, पठानकोट, पटियाला, रूपनगर, संगरूर और एसएएस नगर शामिल हैं। इन शिविरों में 1557 लोग रह रहे हैं। अमृतसर में 381, बरनाला में 390, फरीदकोट में 796, कपूरथला में 57, मानसा में 15, मोगा में 3, तरनतारन में 10 और पठानकोट में 47 लोग ठहरे हुए हैं। सरकार ने कहा है कि नुकसान का वास्तविक आकलन पानी उतरने के बाद ही संभव होगा, लेकिन अभी तक जनहानि, पशुधन और मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है।
- बाढ़ से अब तक 1,75,286 हेक्टेयर फसल प्रभावित: पंजाब में बाढ़ से अब तक 1,75,286 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान मानसा (26,027 हेक्टेयर), फिरोजपुर (17,786 हेक्टेयर), गुरदासपुर (14,071 हेक्टेयर), जालंधर (10,311 हेक्टेयर) और लुधियाना (8,230 हेक्टेयर) जिलों में हुआ है।
राहत और बचाव कार्य…
- एनडीआरएफ (NDRF): राज्य में कुल 22 टीमें तैनात हैं। इनमें पठानकोट (3 टीमें), अमृतसर (4), फिरोजपुर (3), फतेहगढ़ साहिब (2), बठिंडा (3), कपूरथला (2) और रूपनगर (5 टीमें) शामिल हैं।
- वायुसेना, नौसेना और सेना: पठानकोट (2), गुरदासपुर (2), जालंधर (2) और कपूरथला (1) में टीमें सक्रिय हैं। इसके अलावा तरनतारन में सेना का कॉलम भेजा गया है। वायुसेना और नौसेना की ओर से 30-35 हेलिकॉप्टर और विमान राहत व बचाव कार्यों में लगे हुए हैं।
- अन्य केंद्रीय बल: बीएसएफ (BSF) की 85 टीमें जमीनी स्तर पर बचाव कार्यों में जुटी हैं।
- राज्य बल: 137 नावें तैनात की गई हैं, जिनमें कपूरथला में 2 नावें शामिल हैं। साथ ही राज्य का हेलिकॉप्टर भी राहत कार्य में लगाया गया है
पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। पत्र में बताया गया है कि लगातार बारिश और डैम से पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के 1200 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों और विभागों को पत्र में 6 निर्देश भी दिए हैं।
मुख्य सचिव के 6 आदेश, जो अब होंगे लागू….
- जिला मजिस्ट्रेट के आदेश: जिला मजिस्ट्रेट को अधिकार दिया गया है कि अगर किसी इलाके में बाढ़ या आपदा का खतरा गंभीर हो जाए, तो वे कानून के तहत सभी जरूरी आदेश जारी कर सकते हैं। इसका मकसद है कि प्रभावित इलाकों में जल्द और सही कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों की जान और उनकी संपत्ति की सुरक्षा हो सके।
- जिलों की आपदा प्रबंधन इकाइयां (DDMA): हर जिले की DDMA तुरंत प्रभावित लोगों की मदद करें। इसमें खाद्य सामग्री, पानी, दवा और सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराना शामिल है। उनका काम है कि लोग सुरक्षित रहें और राहत सामग्री समय पर पहुंचे। इससे बाढ़ के दौरान लोगों की परेशानियों को कम किया जा सके।
- सभी विभाग सक्रिय रहें: राज्य के सभी विभाग अपने आपातकालीन कामों में पूरी तरह लगे रहें। कर्मचारियों को वीकेंड या छुट्टी की परवाह किए बिना अपनी ड्यूटी पर रहना जरूरी है। इससे राहत और बचाव के काम समय पर और प्रभावी ढंग से हो सकें।
- सेवाओं को तुरंत बहाल करें: PWD, जल संसाधन विभाग और बिजली विभाग (PSPCL) तुरंत अपनी सेवाएं बहाल करें। इसका मतलब है कि सड़कें, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सेवाएं प्रभावित इलाकों में सही समय पर उपलब्ध हों। सभी विभाग और DDMA यह भी सुनिश्चित करें कि लोगों तक सामान और जरूरी सेवाएं आसानी से पहुंचे।
- फोन और इंटरनेट सेवाएं चालू रखें: सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे मोबाइल और लैंडलाइन सेवाएं तुरंत बहाल करें और लगातार ठीक रखें। इससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों का संपर्क बना रहेगा और आपातकालीन मदद आसानी से पहुंच सकेगी।
पंचायत और स्थानीय निकाय सहयोग करें: सभी पंचायत और शहरी निकाय (नगर निगम, नगर पालिका) आपातकालीन राहत, सेवाओं और बचाव कार्य में पूरी मदद करें। वे DDMA और राज्य के विभागों के साथ मिलकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने, राहत सामग्री पहुंचाने और सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेंगे।
पंजाब में डैमों की स्थिति…
हरिके हेडवर्क्स: बुधवार सुबह 6 बजे हरिके हेडवर्क्स पर तालाब (पॉन्ड) का जलस्तर 686.50 फीट रहा। यहां ऊपर से आने वाला पानी 3,35,030 क्यूसेक दर्ज किया गया। इनमें से 4,930 क्यूसेक पानी फिरोजपुर फीडर में, 11,791 क्यूसेक राजस्थान फीडर में और 150 क्यूसेक माखू नहर में छोड़ा गया। शेष 3,18,159 क्यूसेक पानी डाउनस्ट्रीम की ओर बहा। इससे संकेत मिलता है कि अधिकांश पानी सीधे आगे की ओर प्रवाहित हो रहा है।
पोंग डैम: बुधवार सुबह 6 बजे पोंग डैम का जलस्तर 1393.19 फीट दर्ज किया गया। डैम में पानी की आवक 1,60,183 क्यूसेक है, जबकि पानी का निकास 79,837 क्यूसेक किया जा रहा है। वर्तमान में डैम में पानी आने की गति, निकासी की तुलना में लगभग दोगुनी है। इससे डैम में लगातार जलस्तर बढ़ने की स्थिति बनी हुई है।
भाखड़ा डैम: बुधवार सुबह 6 बजे भाखड़ा डैम का जलस्तर 1677.84 फीट दर्ज किया गया। डैम में पानी की आवक 86,822 क्यूसेक है, जबकि निकास 65,042 क्यूसेक किया जा रहा है। आवक और निकासी में अंतर होने से जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना बनी हुई है, हालांकि फिलहाल यह खतरे के निशान से कुछ फीट नीचे है।
