हरियाणा के 7 जिलों से होकर गुजर रही घग्गर नदी इस बार आखिरी जिले सिरसा के लिए खतरनाक बनी है। घग्गर किनारे के गांव नेजाडेला कलां, मल्लेवाला, तलवाड़ा खुर्द में तो पलायन की नौबत आ गई है। ये गांव तटबंध के बीच बने हैं।
एक तरफ नदी पूरी भर कर चल रही है, दूसरी तरफ इन गांवों में बरसात का पानी जमा हो गया। ऐसे में निकासी हुई नहीं। गांव मल्लेवाला में ही 50 से ज्यादा घरों में दरारें आ गईं। कोई मकान नीचे धंस रहा है तो किसी की छत बैठ रही है।
प्रशासन ने गांव में सर्वे करने के बाद 12-13 घरों को भी रहने लायक नहीं माना। इस वजह से इन परिवारों को फिलहाल सरकारी स्कूल की बिल्डिंग में अस्थाई तौर पर शरण दी है। स्कूल में खाने-पीने और रहने का प्रबंध करना पड़ेगा।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले पंचायत और प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली। गांव में बारिश का पानी जमा होता गया। जब पानी का लेवल बढ़ गया और मकानों में दरारें तक आ गई, तब प्रशासन ने गांव से पानी की निकासी शुरू करवाई।
अधिकतर मकान नए ही बनाए गए हैं। जिले में घग्गर के किनारे 49 गांव हैं। इनमें से करीब 20 गांवों को खतरा बना है।
घग्गर के क्षेत्र में पड़ने वाले बाकी जिलों पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और फतेहाबाद में अभी नदी से कुछ नुकसान दर्ज नहीं हुआ है। इनमें से जींद के सिर्फ एक बाहरी हिस्से को छूकर निकलती है।
रिंग बांध में बसे गांवों में क्यों आई यह नौबत इस बारे में ग्रामीण बोले कि घग्गर नदी के दोनों तरफ रिंग बांध बनाया हुआ है, ताकि घग्गर टूटने पर वह पानी उस बांध तक ही रहे। गांव में नुकसान न हो। नेजाडेला कलां और मल्लेवाला गांव रिंग बांध पर बसे हुए हैं। इन गांवों में पानी निकासी नहीं हो पाती। इन दिनों बारिश के बाद गांव में दो से तीन फुट तक जलभराव हो गया और मकान डूब गए। किसी के मकान की छत गिरने लगी तो किसी मकान में दरार आ गई।
