
हरियाणा में धान का समर्थन मूल्य यानी एमएसपी उत्तर प्रदेश से अधिक तय होने के बाद अब दूसरे राज्यों के किसान हरियाणा की मंडियों का रुख करने लगे हैं। करनाल अनाज मंडी में सोमवार को ऐसा ही मामला सामने आया, जब कई बाहरी राज्यों के ट्रक गैरकानूनी तरीके से मंडी में दाखिल हो गए।
जांच में 11 में से 9 वाहन बिना वैध दस्तावेजों के पाए गए। मंडी प्रशासन ने इसे गंभीर मामला मानते हुए जांच तेज कर दी है और अब मंडी गेटों पर सख्त निगरानी के आदेश जारी किए गए हैं।
बढ़ी एमएसपी से बढ़ा खेल, यूपी के किसान करने लगे हरियाणा की मंडियों की ओर रुख
हरियाणा सरकार द्वारा धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है, जो उत्तर प्रदेश के मुकाबले ज्यादा है। इसी वजह से अब यूपी के कई किसान करनाल, पानीपत, कैथल और कुरुक्षेत्र की मंडियों तक पहुंच रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, कुछ आढ़ती और बिचौलिए इस अंतर का फायदा उठाने के लिए यूपी से औने-पौने दाम पर धान खरीद रहे हैं और फिर हरियाणा में सरकारी दाम पर बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। यह पूरी प्रक्रिया न केवल गैरकानूनी है बल्कि सरकारी राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रही है।
मंडी में मिलीभगत का शक, प्रशासन ने शुरू की सख्त जांच
करनाल मार्केट कमेटी के सह सचिव योगेश ने मंडी में एंट्री कर रहे वाहनों की जांच की तो मामला खुल गया। उन्होंने बताया कि कुल 11 वाहनों में से केवल 2 के कागजात सही पाए गए, जबकि 9 वाहन गैरकानूनी तरीके से मंडी में घुस आए थे।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है और जो भी आढ़ती या व्यापारी बाहरी राज्यों से धान मंगवाने में शामिल पाया गया, उस पर नियमानुसार कार्रवाई होगी।

“मेरी फसल मेरा ब्यौरा” ही बनेगा धान विक्रय का आधार
मंडी सचिव ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि हरियाणा में वही किसान धान बेच सकेगा, जिसका नाम ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल’ पर दर्ज है और जो राज्य का मूल निवासी है। किसी दूसरे राज्य का किसान अगर धान लाता है, तो उसकी एंट्री नहीं होगी। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि जबर्दस्ती करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

यूपी के किसानों ने खुद किया खुलासा, बोले-आढ़ती ने बुलाया था मंडी में
करनाल मंडी पहुंचे उत्तर प्रदेश के एक किसान ने कबूल किया कि उसे एक आढ़ती ने यहां धान लाने की सलाह दी थी। उसने बताया कि हम पहली बार करनाल आए हैं। हमारे साथ और भी कई वाहन यूपी से आए हैं। हमें बताया गया था कि यहां सरकारी रेट ज्यादा मिलता है। किसान के इस खुलासे ने मंडी में जारी अवैध व्यापार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रशासन अलर्ट, गेटों पर निगरानी और सख्त आदेश
घटना के बाद मंडी प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। मंडी के सभी गेटों पर कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि केवल उन्हीं वाहनों को अंदर आने दिया जाए जिनके किसान का नाम ई-खरीद पोर्टल पर दर्ज है। बाहरी राज्यों से आने वाले किसी भी वाहन को तुरंत रोका जाएगा और कागजात की जांच की जाएगी।
