ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए पलवल के लांस नायक दिनेश शर्मा के परिजन आहत हैं। पिता दयाचंद का कहना है कि उनके शहीद बेटे की शोकसभा के नाम पर सरपंच ने 52 हजार रुपए वसूल लिए। जहां शहीद के नाम पर पार्क बनाने की घोषणा हुई, वो जोहड़ की जमीन है, वहां पार्क बन ही नहीं सकता।
यही नहीं, शोक जताते पहुंचने सीएम नायब सिंह सैनी ने गांव मोहम्मदपुर का नाम बदलकर दिनेशपुर करने की घोषणा की थी। पंचायत अब इसके लिए सहमत नहीं है। पिता दयाचन्द ने बताया कि वो हाल में ही पलवल के DC से मिले थे। जिसमें उन्होंने दिनेश को लेकर की गई CM घोषणा के बारे में बात की। DC ने यह कहकर लौटा दिया कि जब तक पंचायत गांव का नाम बदलने का प्रस्ताव पास करके नहीं देगी, तब तक वह कुछ नहीं कर सकते। अब परिवार CM नायब सैनी से मिलेगा।
दूसरी तरफ, श्रद्धांजलि सभा के खर्चे के लिए 52 हजार रुपए लेने के आरोपों को सरपंच कुमार युगपुरुष के पिता भूपराम पाठक नकार रहे हैं। उनका कहना है कि यह सारा खर्च उन्होंने अपनी जेब से किया है।

शहीद दिनेश शर्मा की शहादत के बारे में जानिए….
7 मई को जम्मू के पुंछ में शहीद हुए दिनेश शर्मा पलवल के गांव मोहम्मदपुर निवासी शहीद लांस नायक दिनेश शर्मा (32) जम्मू के पुंछ इलाके में एलओसी पर तैनात थे। पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के बाद लगातार पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी कर रहा था। 7 मई को पाक ने फायर करना शुरू किया तो दिनेश अपने कुछ साथियों के साथ जवाबी फायरिंग करने लगे। तभी पाक की तरफ से एक बम उनके सामने गिरा, जिसमें ब्लास्ट होते ही दिनेश और उनके 4 साथी बुरी तरह घायल हो गए। बाद में अस्पताल में दिनेश की मौत हो गई।
शहादत से कुछ समय पहले ही प्रमोशन मिली थी दिनेश शर्मा साल 2014 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। 11 साल में दिनेश की पोस्टिंग देश के कई राज्यों में रही। लास्ट पोस्टिंग जम्मू के पुंछ में थी। शहीद होने से कुछ समय पहले ही दिनेश की लांस नायक के पद पर प्रमोशन हुई थी। दिनेश अपने परिवार में 5 भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके 2 छोटे भाई कपिल और हरदत्त भी सेना में अग्निवीर हैं। एक भाई पुष्पेंद्र पढ़ाई कर रहा है और विष्णु खेती में पिता का साथ देते हैं। शहीद दिनेश की पत्नी सीमा एडवोकेट हैं। उनके एक बेटा और एक बेटी है।

20 मई को हुई श्रद्धांजलि के खर्च को लेकर विवाद 8 मई को शहीद हुए लांसनायक दिनेश शर्मा पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा, जहां पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 20 मई को दिनेश की श्रद्धांजलि का कार्यक्रम का आयोजन रखा गया। परिवार के मुताबिक सारा काम सरपंच कुमार युगपुरुष के पिता भूपराम पाठक देख रहे थे।
दिनेश शर्मा के पिता ने आरोप लगाया है कि भूपराम पाठक ने उनसे खर्चों ने नाम पर 52 हजार रुपए ले लिए है। उन्होंने 17 मई को भूपराम पाठक को घर पर 22 हजार नगद दिए थे। फिर एक बार 10 हजार, दूसरी बार 5 हजार और 15,000 रुपए ले लिए। पिता का आरोप है कि ये भी पैसे दिनेश शर्मा का अंतिम संस्कार होने के बाद से अलग-अलग समय पर खर्चे की बात बोलकर लिए गए। ये भी बोला गया था कि बाद में पंचायत के बजट से पैसा दे दिया जाएगा।
15 मई को पहुंचे सीएम ने की 2 बड़े घोषणाएं 15 मई को हरियाणा के सीएम नायाब सैनी दिनेश शर्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर पहुंचे थे। सीएम ने परिवार के लोगों से मुलाकात की। सीएम ने इस दौरान 2 बड़ी घोषणाएं कीं। पहली, गांव मोहम्मदपुर का नाम दिनेशपुर किया जाएगा। दूसरी, शहीद के नाम पर पार्क बनाया जाएगा। मंत्री विपुल गोयल, राजेश नागर, अरविंद शर्मा, केन्द्र में राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा भी संवेदना जताने पहुंचे थे।

अब जानिए क्या हुआ इन घोषणाओं का
- पार्क की जमीन को लेकर विवादः शहीद दिनेश का अंतिम संस्कार जिस जमीन पर किया गया, वहीं पर उनका शहीदी स्थल और पार्क बनाने की बात की गई। सरपंच के अनुसार यह 4 कनाल 11 मरले की जमीन है, जहां पर पार्क बनाने की घोषणा हुई थी, वह जोहड़ के नाम पर है। इसलिए वहां पर पार्क बनाने का काम पंचायत नहीं कर सकती। इसको लेकर पंचायत ने प्रस्ताव डीसी को भेजा था, लेकिन वहां से प्रस्ताव को मंजूर नहीं किया गया।
- गांव का नाम ना बदलने को नहीं मिली मंजूरीः गांव मोहम्मदपुर की आबादी 1200 के करीब है और यहां 620 वोटर है। 29 जुलाई को अधिकारियों की देखरेख में ग्राम सभा की बैठक बुलाई गई, जिसमें 152 लोग शामिल हुए। खंड विकास पंचायत अधिकारी (BDPO) नरेश ने बताया कि ग्राम सभा में सभी ने सहमति से प्रस्ताव पास किया, जिसमें गांव का नाम मोहम्मदपुर की जगह दिनेशपुर रखने पर सहमति नहीं दी। इसके बाद सभी के साइन लेकर डीसी को डीडीपीओ की तरफ से पत्र लिखकर जानकारी दे दी गई।
नाम न बदलने के प्रस्ताव की कॉपी

सरपंच के पिता बोले- पैसे लेने के आरोप झूठे गांव मोहम्मदपुर के सरपंच कुमार योगपुरुष के पिता भूपराम पाठक ने बताया कि उन पर पैसे लेने के जो आरोप लगे हैं, वो पूरी तरह से झूठे हैं। उन्होंने दिनेश के परिवार से कोई पैसा नहीं लिया है। श्रद्धांजलि सभा के दिन जो भी पैसा खर्च हुआ, वो उन्होंने अपनी जेब दिया था। पंचायत के खाते से पैसा खर्च करने का भी कोई नियम नहीं है। इसलिए उनसे जो बन पाया, वो उन्होंने किया, लेकिन परिवार से उनके पास कोई पैसा नहीं आया है। अगर परिवार के पास पैसे देने के कोई सबूत है तो उनको सबके सामने लेकर आए।
DC बोले- गांव का नाम बदलने पर सहमति नहीं, दोबारा ग्राम सभा होगी पलवल के DC हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि शहीद दिनेश कुमार का परिवार उनसे मिला था। प्रशासन हर संभव मदद कर रहा है। अभी तक साढे तीन करोड़ रुपए परिवार को मिल चुके हैं। लोढ़ा फाउंडेशन की तरफ से परिवार को 5 लाख रुपए दिलाए गए। साथ ही बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी भी फाउंडेशन उठा रहा है। अभी 60 लाख रुपए परिवार को एक फाउंडेशन से दिलाए जाने हैं।
प्रशासन की ओर से शहीद की पत्नी की जॉब की फाइल बनाकर ऊपर भेजी जा चुकी है। गांव के नाम को बदलने को लेकर ग्राम सभा हुई थी, जिसमें आपसी मतभेद के चलते नाम बदलने पर सहमति नहीं बनी थी। अब जल्द ही दोबारा से ग्राम सभा आयोजित कर नाम बदलने को लेकर मंजूरी बनाई जाएगी। गांव के नाम बदलने मे समय लगता है, यह एक लंबी प्रक्रिया है। जल्द ही गांव का नाम दिनेशपुर करा दिया जाएगा।
