
करनाल में निवेशकों से करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। गांव गगसीना निवासी भीम सिंह ने पुलिस अधीक्षक करनाल को दी शिकायत में आरोप लगाया कि समृद्धा जीवन मल्टी स्टेट मल्टी पर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी सहित कई कंपनियों ने गांव गगसीना और आसपास के 180 लोगों से आरडी और एफडी में निवेश करवाकर 12 से 15 प्रतिशत ब्याज और पांच साल में पैसा दोगुना करने का झांसा दिया।
निवेशकों ने करोड़ों रुपए इन कंपनियों में लगाए, लेकिन समय पूरा होने पर पैसा नहीं लौटाया गया। पीड़ितों ने कार्यालयों में संपर्क किया तो कंपनियों ने दरवाजे बंद कर दिए। इस मामले में थाना सिविल लाइन में धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
कैसे फंसे ग्रामीण कंपनियों के झांसे में
गगसीना निवासी भीम सिंह ने बताया कि गांव के कुछ लोग उन्हें मॉडल टाउन, करनाल स्थित समृद्धा जीवन मल्टी स्टेट मल्टी पर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी के ऑफिस में ले गए, जहां समय-समय पर कंपनी के डायरेक्टर और महेश मोतीवाल मीटिंग में आते थे। वहां उन्हें और उनके जानकारों को आदी क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, एनजीएचआई डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड, विनायक होम्स और गोल्डन फोरेस्ट इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों के प्लान बताए गए। इन कंपनियों ने कहा कि आरडी में पैसे लगाने पर 12 से 15 प्रतिशत ब्याज मिलेगा और एफडी में पांच साल में रकम दोगुनी हो जाएगी।

लाखों की एफडी और आरडी में निवेश
भीम सिंह ने भरोसा करके 31 जनवरी 2013 को 26,000 रुपए आरडी में और वर्ष 2015 में चार एफडी में 64,000 रुपए निवेश किए। उनकी पत्नी निर्मला देवी के नाम से भी तीन एफडी करवाई गईं जिनमें 58,500 रुपए जमा कराए लगाए। इसके अलावा गांव व आसपास के करीब 180 लोगों ने भी इन कंपनियों में लाखों रुपए लगाए।
कंपनियों के बड़े दफ्तर और डायरेक्टरों के नाम
शिकायत में बताया गया कि साई प्रकाश प्रोपर्टी डेवलपमेंट लिमिटेड का मुख्यालय नागपुर, आदी क्रेडिट का दफ्तर दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस में, एनजीएचआई डेवलपर्स का ऑफिस दिल्ली रोहतक रोड, विनायक होम्स का कार्यालय इंदौर और गोल्डन फोरेस्ट इंडिया का मुख्यालय चंडीगढ़ में है। इन कंपनियों के डायरेक्टर और मालिक गांव-गांव जाकर और बैठकों में आकर लोगों को पैसे लगाने के लिए उकसाते थे। कई बार तो एजेंट घर तक आकर पैसे ले जाते थे।
दोगुना करने का वादा निकला झूठा
भीम सिंह का कहना है कि जब उनके आरडी और एफडी का समय पूरा हुआ तो वे और अन्य पीड़ित पैसे लेने कंपनी के हेड ऑफिस गए। जहां उन्हें रुपए लौटाने का केवल आश्वासन दिया गया लेकिन पैसे नहीं लौटाए गए। बार-बार जाने पर साफ इनकार कर दिया गया और धीरे-धीरे सभी दफ्तर बंद कर दिए गए।
कुल 180 लोगों से 37.55 लाख की ठगी
शिकायत के अनुसार इन कंपनियों ने लगभग 180 लोगों से करीब 37 लाख 55 हजार रुपए की ठगी की है। पीड़ितों का कहना है कि यह संगठित धोखाधड़ी है और कई लोग अपनी जीवनभर की पूंजी गंवा चुके हैं।
इस संबंध में सितंबर 2023 को पीड़ितों ने उपायुक्त करनाल को भी शिकायत दी थी। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने पर पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी गई। इसके बाद थाना सिविल लाइन पुलिस ने गुरुवार रात केस दर्ज किया है। मामले की जांच मॉडल टाउन चौकी इंचार्ज को सौंपी गई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
