रोहतक PGI कर्मचारियों ने करनाल में मनाया ‘काला दशहरा’:ठेका प्रथा खत्म कर HKRN में शामिल करने की मांग, चंडीगढ़ जाने से रोका

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करनाल में प्रदर्शन करते रोहतक पीजीआई के कर्मचारी।

करनाल में दशहरे के दिन रोहतक पीजीआई के सैकड़ों कर्मचारियों ने काला दशहरा मनाते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारी लंबे समय से ठेका प्रथा बंद करने और उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन जाट धर्मशाला के पास किया गया।

दशहरे के दिन कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर नारेबाजी की और रोजगार को ही सच्चा त्योहार बताते हुए विरोध दर्ज कराया। कर्मचारियों ने बताया कि वे 26 सितंबर से पैदल मार्च करते हुए चंडीगढ़ सीएम आवास की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन करनाल पहुंचते ही प्रशासन ने उन्हें रोक दिया और आगे बढ़ने नहीं दिया। मजबूरन उन्होंने करनाल में ही रुककर दशहरे पर विरोध जताया।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि त्योहार की असली खुशी तभी होती है जब रोजगार हो, लेकिन रोजगार न मिलने के कारण वे आज काला दशहरा मना रहे हैं।

तिरंगा झंडा लेकर प्रदर्शन करते पीजीआई के कर्मचारी।

सरकार की पॉलिसी में आना चाहते हैं 1271 कर्मचारी

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि रोहतक पीजीआई के कुल 1271 कर्मचारी सरकार की पॉलिसी में आने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने कुछ कैटेगरी जैसे सफाईकर्मी, सिक्योरिटी गार्ड और फार्मासिस्ट को एचकेआरएन में ले लिया है, लेकिन डाटा एंट्री ऑपरेटर, लिफ्ट ऑपरेटर, माली, धोबी, टेलर और ड्राइवर जैसे पदों को शामिल नहीं किया गया है।

जनवरी से हड़ताल पर बैठे हैं कर्मचारी

कर्मचारियों का कहना है कि जनवरी से वे हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। पीजीआई प्रबंधन ने लिखित में आश्वासन दिया था कि मांगें पूरी होंगी, मगर छह महीने बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी कारण उन्होंने मुख्यमंत्री से सीधे मिलने का फैसला लिया और पैदल मार्च शुरू किया।

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