
करनाल जिले के सेक्टर-4 में 65 फुट ऊंचा रावण दहन किया गया और रावण का पुतला आग भी उगल रहा था, वहीं असंध का दशहरा मैदान बिल्कुल सूना रहा। असंध में पिछले दो वर्षों से रामलीला कमेटियों के बीच आपसी तालमेल की कमी और विवाद ने दशहरे की रौनक छीन ली। न तो वहां झांकियां निकलीं, न ही ढोल-नगाड़ों की गूंज सुनाई दी।
प्रशासन की परमिशन न मिलने और दोनों पक्षों की आपसी खींचतान के चलते हजारों लोग मायूस दिखाई दिए।


मेघनाथ का पुतला गिरा, महिला घायल
वहीं करनाल में रावण दहन से पहले मेघनाथ का पुतला तेज हवा के कारण गिर गया। पुतला गिरने से एक महिला घायल हो गई। घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहीं दशहरा समिति की ओर से पुतले को दहन के लिए फिर से खड़ा करवाया गया, ताकि वर्षों पुरानी परंपरा को पूरा किया जा सके।

क्लब और हनुमान सभा के बीच विवाद
असंध के दशहरे का सबसे बड़ा कारण दो रामलीला क्लबों के बीच चला आ रहा विवाद है। राम नाटक क्लब के पदाधिकारी सोनू बत्रा ने बताया कि पिछले साल भी हमारे क्लब ने रावण दहन नहीं किया था, क्योंकि उससे पहले दोनों पक्षों के बीच टकराव हो गया था। एक ही जगह पर दोनों कमेटियों ने परमिशन ले ली थी और स्थिति इतनी बिगड़ी कि दो-दो रावण आमने-सामने जलाए गए।
इसके बाद से ही रावण दहन को लेकर सहमति नहीं बन पाई।

सहमति बनाने की कोशिशें नाकाम रहीं
सोनू बत्रा ने कहा कि हमने विवाद के बाद यह सुझाव दिया था कि दशहरा कमेटी बनाई जाए और दोनों पक्ष मिलकर एक ही रावण दहन करें, लेकिन दो साल बीत गए और इस पर कोई बातचीत आगे नहीं बढ़ी। हनुमान सभा के कुछ सदस्य अंतिम समय पर हमारे पास आए और बोले कि रावण दहन करो, लेकिन इतनी बड़ी तैयारी के लिए समय चाहिए।
परमिशन और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी संस्था की होती है। अगर प्रशासन मदद करे तो हम तैयार हैं, लेकिन एक दिन पहले बोलकर आयोजन संभव नहीं है।

दूसरी कमेटी का भी यही दर्द
राम नाटक क्लब के ही पदाधिकारी भरत ने बताया कि दूसरी रामलीला कमेटी ने खुद ही परमिशन ले ली थी और कहा था कि वही रावण दहन करेंगे, लेकिन आयोजन से पांच दिन पहले अचानक उन्होंने पीछे हटने का फैसला कर लिया। ऐसे में इतनी जल्दी बड़ी तैयारियां करना नामुमकिन है।

हमारे पास भी कोई परमिशन नहीं
क्लब पदाधिकारी सोनू और मोहित ने बताया कि हमारे पास भी कोई परमिशन नहीं है। पिछले तीन-चार साल से हम ही दशहरा मना रहे थे, लेकिन इस बार डीसी ऑफिस और स्कूल ग्राउंड से अनुमति नहीं मिली। दो बार स्कूल प्रिंसिपल के पास गए, लेकिन मंजूरी नहीं मिली। इस वजह से हमने बड़े स्तर पर आयोजन नहीं किया। न तो शहर स्तर की रामलीला हुई और न ही कोई चंदा एकत्रित किया।
हमारी कमेटी ने खुद पैसे जोड़े और केवल 10-15 फुट का छोटा रावण बनाकर प्रतीकात्मक रूप से दशहरा मनाया।
लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़
असंध की जनता का कहना है कि दशहरे की असली रौनक खत्म कर दी गई है। पहले जहां ढोल-नगाड़ों की गूंज, झांकियां, फूड स्टॉल और खिलौनों की दुकानें सजती थीं, वहीं आज मैदान वीरान पड़ा है। लोग इसे कमेटियों की आपसी खींचतान और प्रशासनिक लापरवाही मान रहे हैं।
करनाल में दिखेगा भव्य रावण दहन
करनाल के सेक्टर-4 में दशहरा पूरी धूमधाम से मनाया जाएगा। यहां 65 फुट ऊंचा रावण दहन होगा, जो मुंह से आग भी उगलेगा। इसके साथ ही कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले भी जलाए जाएंगे। भगवान श्रीराम के स्वरूप रावण दहन करेंगे। घरौंडा, इंद्री, तरावड़ी, नीलोखेड़ी, निसिंग सहित अन्य क्षेत्रों से भी भव्य झांकियां निकाली जाएंगी। ये झांकियां शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए रावण दहन स्थल पर पहुंचेंगी।
यहां हजारों की संख्या में लोग एकत्र होकर दशहरे का पर्व मनाएंगे।
