निसिंग
मंडी में प्रतिदिन 1509 धान की आवक लगातार बढ़ रही है। किसानों ने पीआर 26 की कटाई भी शुरू कर दी है। एक दो किसान मंडी में परमाल धान लेकर पहुंचने लगा है। जल्द ही पीआर धान का सीजन जोर पकड़ेगी। हालांकि बारिश ने धान की पैदावार प्रभावित किया है। इससे प्रति एकड़ दस से 15 मण की घटोतरी का अनुमान है। वहीं किसानों को फसल के वाजिब दाम नही मिल रहे। मंडी में 28 सौ से साढ़े 31 सौ तक 1509 धान की खरीद की जा रही है। इससे किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। वहीं घाटे का सौदा बनी धान के कारण चिंतित है। मिली जानकारी के अनुसार चावल के दामों में गिरावट की वजह से धान की कम दामों में खरीद बताई जा रही है। महज कुछ ही किसानो की पैदावार सही है। हालांकि भूमि की उर्वरा शक्ति ,मौसम की अनुकूलता और उचित देखभाल पर फसल की पैदावार निर्भर है। लेकिन इस बार मौसम की अनियमितता किसानों के लिए नुकसानदायक बन गई। धान की पैदावार में इस बार फिजी वायरस का प्रकोप भी शामिल है। इस बार खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है।
छह हजार क्विंटल की होने लगी आवक
मंडी में अब तक 31 हजार के आसपास धान की आवक हो चुकी है। जबकि 700 से अधिक गेटपास काटे जा चुके है।सोमवार को 152 गेटपास काटे गए। जिसमे छह हजार क्विंटल के आसपास धान की आवक हुई है। पूर्व मंडी प्रधान रत्न लाल गोयल ने बताया कि 26 मॉइश्चर तक का धान पहुंच रहा है। आगामी दो चार दिनों तक धान के दामों में बढ़ोतरी के आसार हैं। बाकी मंडी में सबकुछ ठीकठाक चल रहा है।
एक तो पैदावार कम और दूसरे कम दामों में खरीद से घाटे में किसान
