पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट ने इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक नफे सिंह राठी हत्याकांड में सभी आरोपियों पर आरोप तय किए हैं। हत्या करने वाले शूटर आशीष उर्फ बाबा व सचिन उर्फ सौरभ के अलावा धर्मेंद्र व अमित गुलिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर रखा है, जो फिलहाल जेल में बंद हैं।
यूके में बसे चार बदमाश भगौड़े घोषित
यूके में बसे कुख्यात बदमाश कपिल सांगवान उर्फ नंदू, शूटर अतुल गुलिया, नकुल सांगवान व एक अन्य आरोपी खुशप्रीत लाठर फिलहाल फरार हैं, जिन्हें कोर्ट द्वारा भगौड़ा घोषित कर रखा है। कोर्ट में जेल से ही गिरफ्तार चारों आरोपियों की वीसी के जरिए पेशी हुई, जिसमें सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से तय किए गए आरोपों पर सभी आरोपियों ने इनकार कर दिया।
ऐसे में अब सीबीआई की ओर से मामले में बनाए गवाहों की गवाही होगी। मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।
विशेष कोर्ट ने ये आरोप किए तय
कोर्ट की ओर से सबसे पहले वारदात स्थल के चश्मदीद रहे तीन गवाहों को बयान देने के लिए बुलाया है। सीबीआई की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश राजीव गोयल ने सीबीआई की ओर से पेश किए सबूतों के आधार पर प्रथम दृष्टया सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 302 (हत्या), धारा 307 (हत्या का प्रयास), भारतीय दंड संहिता की धारा 34 तथा शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 25 व 27 के तहत आरोप तय किए हैं।
आरोपियों ने मिलकर की वारदात
वहीं धर्मेंद्र और अमित गुलिया पर धारा 109 आईपीसी (अपराध में सहायता) के तहत भी अलग से आरोप तय किए गए हैं। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि इन आरोपियों ने मिलकर योजना बनाकर वारदात को अंजाम दिया, जिसमें जानलेवा हमला और हथियारों का इस्तेमाल किया गया। अदालत द्वारा तैयार आरोपपत्र (चार्जशीट) को जेल प्रशासन की ई-मेल आईडी के माध्यम से आरोपियों तक पहुंचाया गया।
सभी बदमाशों का आरोपों से इनकार
जेल अधिकारियों ने प्रिंट आउट निकालकर आरोपियों को प्रतियां उपलब्ध कराई और उन्हें सरल हिंदी में समझाया। सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों ने आरोप स्वीकार करने से इनकार किया और ट्रायल की मांग की। सभी आरोपियों द्वारा दोषी न मानने पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर 2025 तय की है। इस तारीख को अभियोजन पक्ष अपने गवाहों और साक्ष्यों को अदालत के समक्ष पेश करेगा।
नफे राठी की कार पर की थी अंधाधुंध फायरिंग
इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रहे पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या 25 फरवरी 2024 को बराही रेलवे फाटक के पास की गई थी। वारदात में उनके साथ पार्टी कार्यकर्ता जयकिशन दलाल की भी मौत हो गई थी, जबकि चालक राकेश और निजी गनमैन संजीत घायल हुए थे। स्वजनो की मांग पर यह केस सीबीआई को ट्रांसफर हो गया था। 2 मई 2024 को इस केस को सीबीआई ने अपने हवाले लेकर जांच शुरू की थी।
चार माह से चल रही थी हत्या की प्लानिंग
जून माह में सीबीआई ने चार्जशीट पेश की थी, जिसमें खुलासा हुआ था कि कुख्यात बदमाश ने नफे सिंह राठी की हत्या करवाई है। हत्याकांड की प्लानिंग चार माह पहले से चल रही थी और शूटरों ने लगातार तीन दिन तक नफे सिंह का पीछा किया था। आठ बार घात लगाई, लेकिन मौका बराही फाटक पर मिला था, जिस पर बदमाशों ने राठी की कार पर अंधाधुंध फायरिंग कर उसकी हत्या करके फरार हो गए थे।
गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने रची थी साजिश
चार्जशीट के अनुसार, हत्या की साजिश विदेश में बैठे गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने रची थी। उसने यूके से जीपीएस ट्रैकर के जरिए नफे सिंह की कार की लाइव लोकेशन शूटरों को दी। यह ट्रैकर फर्जी आधार कार्ड से एक्टिवेट किया गया था। तीन दिनों में नंदू ने आठ से अधिक बार लोकेशन भेजी।
शूटर कभी कार्यालय, कभी रोहतक के गांव कारौर, कभी बहादुरगढ़ के आरआर फॉर्म, तो कभी घर तक पहुंचे, लेकिन हमला नहीं कर सके। अंततः बराही रेलवे फाटक बंद मिलने पर अंधाधुंध फायरिंग की थी।
घबराकर गोली नहीं चला सका था गनमैन
वारदात के समय गनमैन संजीत घबराकर गोली नहीं चला सका था, जबकि चालक राकेश ने उसे फायर करने के लिए कहा था। हमला होते ही वहां से गुजर रहे दूधिया सुमित सभी को अस्पताल ले गया, जहां नफे सिंह और जयकिशन मृत घोषित कर दिए गए थे।
दो लाख में खरीदी थी आई-20 कार
हत्या में प्रयुक्त आई-20 कार नंदू के कहने पर धर्मेंद्र ने दो लाख रुपए में खरीदी थी। वारदात के बाद शूटरों ने इसे रेवाड़ी रेलवे स्टेशन की पार्किंग में छोड़ दिया और ट्रेन से फरार हो गए। शूटरों में से सचिन उर्फ सौरव और आशीष उर्फ बाबा गोवा से पकड़े गए थे, जबकि नकुल और अतुल अभी भी फरार हैं। सीबीआई की चार्जशीट ने साफ किया है कि हत्याकांड संगठित गैंगवार की साजिश का नतीजा था।
हालांकि हत्या के पीछे की असली वजह अभी भी जांच का विषय बनी हुई है।
