हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा मौत मामले की जांच के लिए CBI टीम बुधवार को भिवानी पहुंची। टीम दिल्ली नंबर की दो गाड़ियों में 5-6 सदस्यों के साथ आई और PWD रेस्ट हाउस में रुकी है।
स्थानीय CIA टीम इंचार्ज भी वहां मौजूद हैं। अभी तक CBI टीम की परिजनों से मुलाकात नहीं हुई है। जबकि, प्रशासनिक अधिकारियों से टीम मिल चुकी है। लोहारू पुलिस अब तक की जांच रिपोर्ट और इकट्ठे किए गए सबूत CBI को सौंपेगी। टीम ने केस से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड मांगा है।
13 अगस्त को मनीषा का शव सिंघानी गांव के खेतों में मिला था। पुलिस ने 18 अगस्त को सुसाइड नोट दिखाकर इसे आत्महत्या बताया था। परिवार ने हत्या का आरोप लगाते हुए CBI जांच की मांग की थी।
सरकार ने 20 अगस्त को केस CBI को सौंपा, और आज CBI ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। कल (2 सितंबर) को मनीषा के परिजन CM नायब सिंह सैनी से चंडीगढ़ में मिले थे।
क्या-क्या सबूत CBI को सौंप सकती है पुलिस…
- लापता की FIR की कॉपी जिसमें बाद में हत्या का धारा जोड़ी गई: 11 अगस्त को मनीषा लापता हुई। पुलिस ने 24 घंटे की देरी से यानी 12 अगस्त शाम को लापता का केस दर्ज किया। 13 अगस्त को लाश मिलने के बाद उसमें हत्या की धारा भी जोड़ दी गई थी। इस केस का सबसे प्रारंभिक दस्तावेज यही है। हालांकि CBI नए सिरे से FIR दर्ज कर सकती है।
- 3 पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, 10 फोरेंसिक सैंपल की रिपोर्ट: लाश मिलने के 9 दिन की अवधि में मनीषा के शव का 3 बार पोस्टमॉर्टम हुआ। पहली बार भिवानी सिविल अस्पताल में। दूसरी बार रोहतक पीजीआई में। तीसरी बार दिल्ली एम्स में। भिवानी सिविल और रोहतक पीजीआई की रिपोर्ट के कुछ अंश तो मीडिया के सामने पुलिस ने रखे भी थे। एम्स की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं है। पुलिस ने 10 विसरा सैंपल भी मधुबन फोरेंसिक लैब में भेजे थे। इनकी रिपोर्ट भी CBI को सौंपी जाएगी।
- एम्स से मिले सैंपल अभी भिवानी पुलिस के पास पड़े, जांच बाकी: एम्स में पोस्टमॉर्टम के बाद 21 अगस्त को मनीषा के शव का संस्कार किया गया था। एम्स से कुछ फोरेंसिक सैंपल भिवानी पुलिस के हैंडओवर किए गए थे। भिवानी एसपी सुमित कुमार के मुताबिक ये सैंपल प्रिजर्व किए गए हैं और सीबीआई को सौंपे जाएंगे। सीबीआई अपने हिसाब से किसी लैब में इन सैंपल की जांच कराएगी। इनकी जांच रिपोर्ट केस में अहम रहेगी।
- स्कूल-कॉलेज संचालकों से भी पूछताछ संभव: CBI इस केस में कई लोगों से पूछताछ कर सकती है। इसकी लिस्ट लंबी है। इनमें मनीषा के परिजन, प्ले वे स्कूल स्टाफ व संचालक जिसमें मनीषा पढ़ाती थी। खाद-बीज विक्रेता जिससे मनीषा ने एक लीटर मोनो स्प्रे खरीदी थी। नर्सिंग कॉलेज स्टाफ व संचालक, जहां मनीषा दाखिला लेना चाहती थी। वो दो लोग जिन्होंने सबसे पहले मनीषा का शव देखा था। लोकल पुलिस के जांच अधिकारी, पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर्स समेत कई नाम संभावित लिस्ट में हो सकते हैं।
- सुसाइड नोट की कॉपी, शव पर मिले कपड़े, मोबाइल व अन्य सामान: 18 अगस्त को पुलिस ने इसे सुसाइड का केस बताया था। उसी दिन एक सुसाइड नोट भी वायरल हुआ। DGP शत्रुजीत कपूर प्रेसवार्ता में कह चुके हैं कि सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग मनीषा की राइटिंग से मैच हो गई है। शव पर मिले कपड़े, मनीषा का मोबाइल भी सीबीआई कब्जे में लेगी। मोबाइल की कॉल डिटेल, चैट आदि महत्वपूर्ण सुराग बन सकते हैं।
- लाश मिलने से लेकर CBI को जांच ट्रांसफर होने तक क्या-क्या हुआ, जानिए…
- 11 अगस्त को हुई लापता, 13 को शव मिला मनीषा 11 अगस्त को घर से निकली थी। 13 अगस्त को उसकी लाश मिली थी। जिसके बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जताई। पुलिस ने मनीषा का पहला पोस्टमॉर्टम भिवानी के सिविल अस्पताल में कराया। मगर, परिजनों ने लाश लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने मनीषा की हत्या की आशंका जताई। उन्होंने पुलिस पर आरोप भी लगाया कि गुमशुदगी की शिकायत पर पुलिस ने कहा था कि बेटी घर से भाग गई, 2 दिन में आ जाएगी।
- इसके बाद सरकार ने 15 अगस्त की रात को भिवानी के SP मनबीर सिंह को हटा दिया। वहीं SHO को लाइन हाजिर किया गया और 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए। मगर, परिजन संतुष्ट नहीं हुए तो PGI रोहतक में फिर पोस्टमॉर्टम कराया गया। जिसमें कहा गया कि मनीषा ने सुसाइड किया। 18 अगस्त को पुलिस ने एक सुसाइड नोट दिखाया। पुलिस ने दावा किया कि ये पर्स मनीषा के पर्स से मिला।
