करनाल के तरावड़ी के लल्याणी रोड पर स्थित एक प्राइवेट गोदाम में सीएम फ्लाइंग की छापेमारी ने जिम्मेदारों की लापरवाही की पूरी पोल खोल दी। यहां हजारों क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा रहा और लगातार बरसात की मार झेलता रहा।
न तो स्टॉक को ढकने के लिए तिरपाल लगाया गया और न ही बीमारियों से बचाने के लिए समय पर दवाइयां डाली गईं। हालत इतने बिगड़ गए कि गेहूं में फंगस लग गया, कई जगह सड़न शुरू हो गई। नतीजा यह हुआ कि एफसीआई ने करीब 6 हजार कट्टे लेने से साफ इनकार कर दिया।
गेहूं खुले में भीगता रहा, न कवर मिला न दवा
सीएम फ्लाइंग की टीम बीते तीन दिनों से गोदाम का रिकॉर्ड खंगाल रही है। शुरुआती जांच में सामने आया कि 2025-26 सीजन और 2024-25 सीजन के लिए खरीदे गए गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए न तो तिरपाल कवर समय पर उपलब्ध कराए गए और न ही दवाईयों मुहैया हुई। यही वजह है कि जब बारिश शुरू हुई तो गेहूं खुले में भीग गया और खराब होने की स्थिति में पहुंच गया। गेहूं में फंगस जम गया और उसकी गुणवत्ता गिरने लगी।
एफसीआई ने लौटाया खराब स्टॉक
स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि एफसीआई के अधिकारियों ने मॉइस्चर के कारण स्टॉक को लेने से मना कर दिया। जानकारी के अनुसार, करीब 6 हजार कट्टे इसलिए अस्वीकृत कर दिए गए क्योंकि उनमें नमी सामान्य सीमा से कहीं ज्यादा पाई गई। एफसीआई ने साफ कहा कि इस गेहूं को स्वीकार करना संभव नहीं है क्योंकि यह स्टॉक उपभोक्ताओं तक पहुंचने लायक नहीं है।
2020-21 का स्टॉक भी मिला अवैध रूप से पड़ा
सीएम फ्लाइंग डीएसपी सुशील कुमार ने बताया कि गोदाम ने सरकारी गेहूं के ओपन में पड़ा होने की जानकारी मिली थी। जांच में यह भी सामने आया है कि 2020-21 का गेहूं स्टॉक अवैध रूप से एक राइस मिल में रखा गया है। अब टीम वहां भी जांच कर रही है। डीएसपी ने कहा कि जिन लोगों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी और कड़ी कार्रवाई होगी।
